तुम वसंत हो मेरे , खिलते हुए गुलाब की तरह महकाते हो घर को मेरे। तुम वसंत हो मेरे , खिलते हुए गुलाब की तरह महकाते हो घर को मेरे।
तुम बसंत मेरे .. मैं मुरझायी-सी कली हूँ टूटकर तुम मुझे बिखरने ना देना बिना तेरे मैं तुम बसंत मेरे .. मैं मुरझायी-सी कली हूँ टूटकर तुम मुझे बिखरने ना देना ब...
तुम मुझसे अलग कहाँ तुम मुझसे अलग कहाँ
अब तो तुम ख़्वाबों में भी नज़र नहीं आते हो ! अब तो तुम ख़्वाबों में भी नज़र नहीं आते हो !
उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होकर भी क्यों उसको देख कर मैं फिर बेहाल था क्या? और उसका भी यही सवाल था क्या? हम पास होक...
तुमसे ही है जीवन मे सारे श्रृंगार मेरे तुम ही सावन, तुम ही फाल्गुन, हो तुम वसंत मेरे। तुमसे ही है जीवन मे सारे श्रृंगार मेरे तुम ही सावन, तुम ही फाल्गुन, हो तुम वस...